चाफा बोलेना
Friday, 25 May 2012
आस ......
या
वेड्या
मनाला
,या
वेड्या
जीवाला,
ध्यास फक्त तुझाच.....
या मधुर उन्मत्त वातावरनात,
आस फक्त तुझीच.....
येशिल ना रे सख्या....
या वेड्या मनाला एकदा तरी भेटायला...
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